जीव हत्या महापाप है
वेदों और शास्त्रों में माँस खाने के लिए स्पष्ट मना किया है। यहाँ तक हमारे सभी धर्म शास्त्रों में पशु हत्या को पाप माना गया है।
एक तरफ तो आप अल्लाह/भगवान को खुश करने में लगे हो और दूसरी ओर मासूम जानवरों को मारकर खाते हो। ऐसा करने से भगवान कभी खुश नहीं होते।
चींटी से लेकर हाथी तक, राजा से लेकर रंक तक ये सभी परमात्मा की आत्मा हैं और हम सभी उस एक ही परमात्मा के बच्चे हैं। तो फ़िर हमारे पिता परमेश्वर अपने बच्चे से दूसरे बच्चे को मारने का आदेश कैसे दे सकता है??
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